Thursday, 25 July 2013

ये जिस्म है ,जिस्म तुम्हारा है |


छू कर खुद  को कर यकी तू ,
ये तू है ,जिस्म  तुम्हारा है|
झाँक ले खुद में ,देख कभी तू ,
तुझमे भी एक सितारा है|

खुद को अपना यार बना ले,
खुद से थोड़ा प्यार जता ले|
खुद पर कर के देख यकी तू ,
तू ही अब तेरा  सहारा है|

कदमो को अब रोक नहीं तू ,
उड़ने दे मन अब टोक नहीं तू |
बह जाने दे बस अब खुद को ,
तेरा ना कोई किनारा है|

छू कर खुद को कर यकी तू ,
ये तू है ,जिस्म  तुम्हारा है|

                                     -ऋषभ प्रकाश