छू कर खुद को कर यकी तू ,
ये तू है ,जिस्म तुम्हारा है|
झाँक ले खुद में ,देख कभी तू ,
तुझमे भी एक सितारा है|
खुद को अपना यार बना ले,
खुद से थोड़ा प्यार जता ले|
खुद पर कर के देख यकी तू ,
तू ही अब तेरा सहारा है|
कदमो को अब रोक नहीं तू ,
उड़ने दे मन अब टोक नहीं तू |
बह जाने दे बस अब खुद को ,
तेरा ना कोई किनारा है|
छू कर खुद को कर यकी तू ,
ये तू है ,जिस्म तुम्हारा है|
-ऋषभ प्रकाश